संक्रमण: रोग, परिभाषा, प्रकार और रोकथाम Infection: Diseases, Definition, Types and Prevention
संक्रमण (Infection) क्या होता है?
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संक्रमण तब होता है जब कोई “बैक्टीरिया” (Bacteria), “वायरस” (Virus), कवक/”फंगी” (Fungi) और “प्रायन” (Prion) किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है और उसे नुकसान पहुंचाता है। यह शुष्म जीव शरीर में रहने के लिए और प्रजनन करने के लिए व्यक्ति के शरीर में स्थान बनाते हैं। इन संक्रामक जीवों को बीमारियों को जन्म देने के रूप में जाना जाता है। संक्रमण (Infection) जल्दी से गुणन करते हैं और दूसरे माहौल में अनुकूलित हो जाते हैं। कुछ संक्रमण हल्के होते हैं और उन पर ध्यान नहीं जाता, लेकिन कुछ गंभीर और जानलेवा हो सकते हैं। कुछ संक्रमण पर इलाज का कोई असर नहीं पड़ता। संक्रमण विभिन्न तरीकों से फ़ैल सकता है, जैसे त्वचा के संपर्क, किसी दूसरे के शारीरिक तरल पदार्थ से संपर्क, मल के साथ संपर्क और हवा में मौजूद कणों से। संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुई गयी वस्तु को छूने से भी संक्रमण फ़ैल सकता है। संक्रमण कैसे फैलता है और शरीर पर इसके प्रभाव संक्रमण करने वाले रोगजनक के प्रकार पर निर्भर करता है। प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) संक्रामक एजेंट को रोक सकती है, लेकिन इनकी बड़ी संख्या को रोकने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावी नहीं होती। ऐसे मामलों में संक्रमण हानिकारक हो जाते हैं। कई संक्रमण विषाक्त पदार्थ छोड़ते हैं, जिससे शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
- संपर्क: संक्रमित व्यक्ति के साथ सीधे संपर्क से, जैसे कि छूना, खांसना या छींकना।
- वायु: हवा में मौजूद रोगाणुओं को सांस लेने से।
- भोजन और पानी: दूषित भोजन या पानी का सेवन करने से।
- कीड़े: मच्छरों, मक्खियों और टिक्स जैसे कीड़ों के काटने से।
संक्रमण के प्रकार – Types of Infections in Hindi

संक्रमण के प्रकार कितने होते हैं?
इन्फेक्शन करने वाले विभिन्न प्रकार के रोगजनक जीव (एजेंट) निम्नलिखित हैं –
- बैक्टीरिया (Bacteria)
- वायरस (Virus)
- फंगी (Fungi)
- प्रोटोजोआ (Protozoa)
- पैरासाइट (Parasites: परजीवी)
- प्रायन (Prions)
ये एजेंट अकार, आकृति और शरीर पर डालने वाले प्रभावों में भिन्न होते हैं।
कुछ आम प्रकार के संक्रमण निम्नलिखित हैं –
बैक्टीरियल इन्फेक्शन (Bacterial Infection) :
बैक्टीरिया एक कोशिकीय सूक्ष्मजीव होते हैं जिन्हें प्रोकैर्योट (Prokaryotes) कहा जाता है। बैक्टीरिया अधिकतर हर प्रकार के वातावरण में रह सकते हैं, जैसे अत्यधिक गर्मी और अत्यधिक सर्दी में। कुछ बैक्टीरिया तो रेडियोएक्टिव वेस्ट (Radioactive waste) पर भी जीवित रह सकते हैं।
बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं –
- फूड पाइज़निंग
- आंख के संक्रमण
- निमोनिया
- त्वचा के संक्रमण
- यौन संचारित रोग
- बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस (Bacterial meningitis)
- ओटाइटिस मीडिया (Otitis media: मध्य कान में संक्रमण)
- टीबी
- ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण
- पेट में सूजन (गैस्ट्रा इटिस)
- साइनस (और पढ़ें – साइनस के घरेलू उपाय)
- यूरिन इन्फेक्शन
वायरल इन्फेक्शन (Viral infection)
वायरल इन्फेक्शन वायरस के कारण होते हैं। वायरस गुणन करने से पहले काफी समय तक निष्क्रिय रह सकते हैं जिससे ऐसा लगता है व्यक्ति स्वस्थ है, लेकिन वायरस के फिर से सक्रीय होने पर वह बीमार हो सकता है।
वायरल इन्फेक्शन के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं –
- गैस्ट्रो एन्टराइटिस
- जीका वायरस
- एचआईवी
- सामान्य ज़ुकाम
- इंसेफेलाइटिस और मेनेंजाइटिस
- डेंगू
- स्वाइन फ्लू
- इबोला
- मस्से और त्वचा के संक्रमण
- हेपेटाइटिस सी
- पोलिओ
- इन्फ्लुएंजा
फंगल इन्फेक्शन (Fungal infection)
फंगस अधिकतर बहुको शिकीय परजीवी होता है। शरीर में कुछ अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो शरीर के अंगों में
सूक्ष्मजीवों का संतुलन बनाए रखते हैं। अगर यह अच्छे बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं, तो शरी र में फंगी बढ़ने लगता है
स्वास्थ समस्याएं हो सकती हैं।
फंगल इन्फेक्शन के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं –
- एथलीट फुट
- दाद
- आँखों के कुछ संक्रमण
इन्फेक्शन (Infection) फैलाने वाले कीटाणु इनडायरेक्ट तरीके से भी फ़ैल सकते हैं। यह तरीके निम्नलिखित हैं –
1. कीड़ों के काटने से – कुछ कीटाणु मच्छरों, जूँ और अन्य छोटे कीड़ों के काटने से फैलते हैं। अगर आपको
किसी संक्रमित कीड़े या मच्छर ने काटा है, तो आपको भी संक्रमण हो सकता है। जैसे, मच्छरों से मलेरिया
के कीटाणु फैलते हैं।
2. खराब खाना खाने से – खराब खाना खाने या पानी पीने से कीटाणु फ़ैल सकते हैं। इस तरीके से एक ही
बार में कई लोग संक्रमित हो सकते हैं।
3. वस्तुएं छूने से – अगर आप किसी ऐसी वस्तु को छूने के बाद, जो सर्दी या ज़ुकाम से संक्रमित व्यक्ति ने छुई
थी, बिना हाथ धोए अपनी आँखों, खों नाक या मुंह को छू लेते हैं, तो आपको भी संक्रमण हो सकता है।
इन्फेक्शन के लक्षण – Infections Symptoms in Hindi
इन्फेक्शन के लक्षण क्या होते हैं?
इन्फेक्शन से होने वाली हर बीमारी के अलग लक्षण होते हैं। इसके कुछ आम लक्षण निम्नलिखित हैं –
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- खांसी
- बुखार
- दस्त
डॉक्टर को कब दिखाएं?
निम्नलिखित परिस्थितियों में तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाएं –
- चकत्ते और सूजन होना
- बिना किसी कारण लम्बे समय तक बुखार होना
- एक हफ्ते से ज़्यादा खांसी होना
- तेज़ सिरदर्द के साथ बुखार होना
- अचानक नज़र की समस्या होना
- किसी जानवर का काटना
- सांस लेने में दिक्कत होना
इन्फेक्शन के कारण और जोखिम कारक – Infections Causes & Risk
इन्फेक्शन होने के कारण क्या होते हैं?
इन्फेक्शन से होने वाली समस्याएं निम्नलिखित तरीकों से होती हैं –
- फंगी : रिंगवर्म (दाद) और “एथलीट फुट” (Athlete’s foot) जैसी समस्याएं फंगी के कारण होती हैं। कुछ अन्य प्रकार के फंगी आपके फेफड़ों और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं।
- बैक्टीरिया : बैक्टीरिया से गला खराब, यूरिन इन्फेक्शन और टीबी जैसे संक्रमण होते हैं।
- वायरस : वायरस, बैक्टी रिया से भी छोटे होते हैं, लेकिन सामान्य ज़ुकाम से लेकर एड्स जैसे इन्फेक्शन कर सकते हैं।
- परजीवी : मलेरिया छोटे परजीवी के कारण होता है, जो मच्छर के काटने से फैलता है। अन्य प्रकार के परजीवी जानवरों के मल से संपर्क में आने से फ़ैल सकते हैं।
इन्फेक्शन होने के जोखिम कारक क्या होते हैं?
इन्फेक्शन किसी को भी हो सकता है लेकिन अगर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली सही से काम नहीं कर रही है, तो आपको
इन्फेक्शन होने का खतरा अधिक होता है। आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है अगर –
- आपकी नींदनीं पूरी नहीं होती है। (और पढ़ें – कम सोने के नुकसान)
- आपको ऐसे कैंसर हैं जो सीधे हड्डियों को प्रभावित करते हैं, जैसे “ल्यूकेमिया” (Leukemia) और “लिम्फोमा”
- (Lymphoma)।
- आपकी कीमोथेरपी (Chemotherapy) हुई है या चल रही है।
- आप स्टेरॉयड (Steroids) या ऐसी दवाएं ले रहे हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य में अवरोध करती हैं।
- आपको एचआईवी या एड्स है।
- आपको कुछ प्रकार के कैंसर या ऐसे विकार हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं।
- आपकी उम्र ज़्यादा है।
- आपको शुगर है। (और पढ़ें – शुगर कम करने के घरेलू उपाय)
- आपके शरी र के बड़े हिस्सों में या श्रोणि, पैरों, रों छाती और पेट पर “रेडिएशन थेरेपी” (Radiation therapy) का
- उपयोग किया गया है।
- आपके शरीर में कोई मेडिकल उपकरण लगाए गए हैं।
- आपको कुपोषण है।
इन्फेक्शन कैसे होता है – How does Infection spread in Hindi इन्फेक्शन कैसे फैलता है?
इन्फेक्शन निम्नलिखित तरीकों से फ़ैल सकता है –
प्रत्यक्ष तौर पर (Direct contact)
- इन्फेक्शन फैलने का सबसे आसान तरीका है ऐसे व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आना जो पहले से ही संक्रमित हो। यह तरीके निम्नलिखित हैं –
- जानवर से व्यक्ति में – किसी जानवर के का टने या खरोंचरों ने से आपको इन्फेक्शन हो सकता है (पालतू जानवर से भी)। कुछ मामलों में यह घातक भी हो सकता है। जानवरों के मल मूत्र के संपर्क में आना भी खतरनाक हो सकता है।
- एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में – संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को छूने, किस करने या आसपास छींकछीं ने व खांसने से फैलता है। इन्फेक्शन के कीटाणु यौन गतिविधियों के दौरान शरीर के तरल पदार्थों के आदान-प्रदान से भी फैलते हैं।
- माँ से बच्चे में – प्रेगनेंसी के दौरान एक प्रेगनेंट महिला से उसके बच्चे में संक्रमण फ़ैल सकता है। कुछ कीटाणु प्लेसेंटा (Placenta: गर्भनाल) से भी बच्चे में फ़ैल सकते हैं। योनि में मौजूद कीटाणु डिलीवरी के दौरान बच्चे में फ़ैल सकते हैं।
अप्रत्यक्ष तौर पर (Indirect contact)
इन्फेक्शन फैलाने वाले कीटाणु इनडायरेक्ट तरीके से भी फ़ैल सकते हैं। यह तरीके निम्नलिखित हैं –
- कीड़ों के काटने से – कुछ कीटाणु मच्छरों, रों जूँ और अन्य छोटे कीड़ों के काटने से फैलते हैं। अगर आपको किसी संक्रमित कीड़े या मच्छर ने काटा है, तो आपको भी संक्रमण हो सकता है। जैसे, मच्छरों से मलेरिया के कीटाणु फैलते हैं।
- खराब खाना खाने से – खराब खाना खाने या पानी पीने से कीटाणु फ़ैल सकते हैं। इस तरीके से एक ही बार में कई लोग संक्रमित हो सकते हैं।
- वस्तुएं छूने से – अगर आप किसी ऐसी वस्तु को छूने के बाद, जो सर्दी या ज़ुकाम से संक्रमित व्यक्ति ने छुई थी, बिना हाथ धोए अपनी आँखों, खों नाक या मुंह को छू लेते हैं, तो आपको भी संक्रमण हो सकता है।
संक्रमण से बचाव – Prevention of Infections in Hindi
संक्रमण होने से कैसे बचा जा सकता है?
संक्रमण से बचने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं –
- अच्छा और संतुलित आहार लें।
- कच्चा खाना न खाएं और फलों व सब्जियों को धो कर पकाएं।
- घर के काम, खासकर सफाई करते समय दस्ताने पहनें।
- जानवरों के मल व मूत्र के संपर्क में न आएं। अगर आप बीमार हैं तो घर पर रहें।
- अपने दांतों और मसूड़ों को एक कोमल ब्रश से साफ़ करें। अगर आपके डॉक्टर या डेंटिस्ट सलाह देते हैं तो माउथवाश का प्रयोग करें।
- कच्चा दूध और उससे बनी चीज़ें न खाएं।
- एचआईवी और हेपेटाइटिस बी जैसे यौन संचारित रोगों के लिए अपनी जांच कराएं और कंडोम का उपयोग करके खुद को उनसे बचाएं।
- अगर आपको बुखार, उल्टी या दस्त हैं, तो ऑफिस न जाएं और अगर आपके बच्चे को यह लक्षण हैं, तो उसे स्कूल न भेजें।
- बीमार लोगों के संपर्क में न आएं।
- खाना, बर्तन, टूथब्रश और मेकअप का सामान शेयर न करें।
- अपने हाथ अच्छे से और बार-बार धोएं या हैंड सैनिटाइज़र (Hand sanitizers) करें, खासकर बाथरूम से आने के बाद और खाने से पहले।
- रोज़ाना नहाएं।
- त्वचा को सूखने और फटने से बचाने के लिए लोशन लगाएं।
- कैंची और चाक़ू जैसी तेज़ वस्तुओं को इस्तेमाल करते समय सावधान रहें।
- ज़्यादातर बीमारियों के लिए टीके उपलब्ध हैं, डॉक्टर से अपने बच्चे को यह टीके देने के बारे में पूछें।
- पर्याप्त आराम करें।
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संक्रमण की जटिलताएं – Infections Risks & Complications in Hindi
संक्रमण की जटिलताएं क्या होती हैं?
ज़्यादातर इन्फेक्शन से सम्बंधित बीमारियों की बहुत कम जटिलताएं होती हैं, लेकिन निमोनिया, एड्स और मेनिन्जाइटिस जैसे बीमारियां जानलेवा हो सकती हैं। कुछ प्रकार के संक्रमण से कैंसर होने खतरा बढ़ जाता है।
- हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) को पेट के कैंसर और पेप्टिक अलसर से सम्बंधित माना जाता है।
- हेपेटाइटिस बी और सी को लिवर कैंसर से सम्बंधित माना जाता है।
- एचपीवी (HPV) को सर्वाइकल कैंसर से सम्बंधित माना जाता है।
कुछ इन्फेक्शन से सम्बंधित बीमारियां पहले ठीक हो जाती हैं और कुछ समय बाद फिर से आपको प्रभावित करती हैं। जैसे जिस व्यक्ति को चिकनपॉक्स हुआ हो, उसे कई साल बाद शिंगल्स भी हो सकता है।
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